। ।  कई बार अल्टीमेटम के बाद भी लेटलतीफी, 4 पेयजल टंकी आज भी खाली, कही पाईप, तो कही पड़े खुले गड्डे । ।

इटारसी। मेहराघाट की जल आवर्धन योजना के काम की लेटलतीफी से अब यह समझ में आने लगा है कि शहर के लोगों को इस साल भी इस योजना से पेयजल प्राप्त नही हो सकेगा। मेहराघाट की जल आवर्धन योजना के काम की लेटलतीफी से नाराज होकर विधानसभा अध्यक्ष, कलेक्टर, नपा अध्यक्ष, एसडीएम, तहसीलदार व सीएमओ कई बार मेहराघाट गए। योजना पर काम कर रही दोषियान कंपनी संचालक को बुलाकर शीघ्र काम करने के निर्देश और कार्यवाही की धमकी भी दी, लेकिन इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज भी शहरवासी इस योजना से घरों में पानी पहँुचने की राह देख रहे है।
    इस योजना से शहर में पानी सप्लाई किया जाना है। लेकिन योजना चार साल लेट हो गई है। 30 अक्टूबर तक काम पूरा करने का अल्टीमेटम कलेक्टर ने दिया था, वह भी पूरा नहीं हो पाया है। पिछले दो साल से शहर के विभिन्न स्थानों पर बनी पानी टंकी भी आज भी खाली दिखाई दे रही है। इस योजना के चक्कर में अच्छी भली सड़कों को खोदकर पानी की पाईप लाईन भी बिछा दी गई,लेकिन इन पाईप लाईनों में पानी कब पहँुचेगा कहा नही जा सकता ? कही गड्डों को खोदकर खुला छोड़ दिया जिनसें हादसे होने की संभावना बनी रहती है और कही पर अभी भी पाईप पड़े हुए है।
    ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश शासन की नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री श्रीमती माया सिंह ने 21 जुलाई 2017 शुक्रवार को इटारसी के 24 करोड़ 54 लाख रूपये की लागत के जलावर्धन योजना का लोकार्पण किया था। यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी योजना के अंतर्गत बनाई गई जल आवर्धन योजना से इटारसी शहर के विभिन्न स्थानो पर 4 पेयजल टंकी स्थापित की गई है। इन टंकियो मे 8 लाख 60 हजार लीटर पानी की क्षमता है।
    लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए म.प्र. विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने बताया था कि नगरपालिका इटारसी द्वारा तवा पर फील्टर प्लांट का कार्य प्रारंभ किया गया जिसकी लगातार मानिटरिंग भी होती रही। जल आवर्धन के लोकार्पण से इटारसी शहर को पर्याप्त मात्रा मे पानी सप्लाई होगी। उन्होने कहा था कि आगामी देढ़ वर्ष मे इटारसी शहर की गिनती अच्छे शहरो मे होगी। अमृत योजना मे भी शहर का नाम है। इसकी डी.पी.आर. भी तैयार की गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया था कि 24 करोड़ की जल आवर्धन योजना मे 18 करोड़ नगरपालिका द्वारा व्यय किया गया है। शेष राशि शीघ्र ही नगरीय विकास विभाग से मिल जाने की बात उन्होने कही थी।
    नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री श्रीमती सिंह ने जल आवर्धन योजना के लोकार्पण पर इटारसी निवासियो को बधाई दी थी और कहा था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार यह प्रयास कर रहे है कि म.प्र. की सभी नगरीय निकायो मे पेयजल की समस्या को दूर की जाये। उन्होने कहा था कि विधायक डॉ. शर्मा के अथक प्रयासो से आज जल आवर्धन योजना का लोकार्पण हुआ है। लेकिन हकीकत में इस लोकार्पण के बाद आज तक शहरवासियों को इस योजना से पेयजल प्राप्त नही हो सका है। आखिरकार क्या कारण है कि इस काम में लगातार लेटलतीफी की जा रही है, और इस कार्य में लगे ठेकेदारों से नरमी बरती जा रही है।  
    यदि सही मायने में देखा जाये तो इटारसी नगर में अतिरिक्त पानी लाने की जरूरत ही नहीं थी क्योंकि इटारसी क्षेत्र में पर्याप्त पानी उपलब्ध था। नपा द्वारा लाखों की लागत से प्रत्येक वार्डों में ट्यूवबेल खनन किया गया, साथ ही धौखेड़ा से भी शहर को पानी की सप्लाई की जा रही है। यदि शहर मौजूद कुओं को अनदेखी नही की गई होती तो शहर में कही भी पानी की किल्लत नही होती, लेकिन आज भी शहर में पानी की कोई कमी नही है। फिर भी एक नई और महंगी योजना बनाई और लागू की गई। यह योजना 13 करोड़ रुपयों की थी, जो लगातार हो रही कार्य में लेटलतीफी के चलते अब 26 करोड़ की हो गई है। इतनी बड़ी योजना के लिए एक ही दिन में टेंडर डाले गए थे और इसमें से एक टेंडर स्वीकृत कर लिया गया था। यह योजना को बनाने का एक बड़ा भाग केन्द्र और राज्य सरकारें देती है पर इसका कुछ भार नगरपालिका के ऊपर भी पड़ता है। जलप्रदाय बनने के बाद उसके संचालन का खर्चा इटारसी की जनता से ही वसूला जाएगा। यह योजना 25 नवंबर 2005 को प्रस्तुत की गई थी, परिषद में स्वीकृति 27 जनवरी 2006 को मिली, योजना का काम शुरू 27 जनवरी 2008 को प्रारंभ हो गया था, लेकिन अब योजना की कुल लागत 24 करोड़ 65 लाख हो गई है। जल आवर्धन योजना का काम पूरा करने के लिए कई बार तारीख ली गई हर बार गर्मी में पानी देने का आश्वासन दिया गया लेकिन हकीकत यही है कि जल आवर्धन से इस साल तो पानी नही आ पायेगा।
। । इनका कहना है....। ।
पिछले तीन माह पहले यहाँ गड्डा खोदा गया था, तब से यह आज तक ऐसे ही खुदा पड़ा है। दुकानों पर ग्राहकों के आने-जाने में दिक्कतें होती है, साथ ही गड्डे में गिर जाने का भय बना रहता है।
रितिराम चौधरी, गारमेंटस व्यापारी
टंकी से पाईप लाईन जोडऩे के लिए दुकान के सामने  यह गड्डा खोदा गया था। हमारे ग्राहक तो ग्राहक यहाँ टैगोर स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को भी बहुत असुविधा होती है, आने-जाने  में कई बार स्कूल की  छुट्टी के समय बच्चें गिर जाते है।
रमेश सेन, सेलून संचालक

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